सनातन संस्कृति की दृष्टि

दो लिंग : नर और नारी ।दो पक्ष : शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष।दो पूजा : वैदिकी और तांत्रिकी (पुराणोक्त)।दो अयन : उत्तरायन और दक्षिणायन। तीन देव : ब्रह्मा, विष्णु, शंकर।तीन देवियाँ : महा सरस्वती, महा लक्ष्मी, महा गौरी।तीन लोक : पृथ्वी, आकाश, पाताल।तीन गुण : सत्वगुण, रजोगुण, तमोगुण।तीन स्थिति : ठोस, द्रव, वायु।तीन स्तर …

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सनातन प्रश्नौतरी

प्रश्न – यह संसार कब बना ?उत्तर – यह संसार 1,96,08,53,123 वर्ष पूर्व बना।प्रश्न – यह संसार कितने वर्ष तक और चलता रहेगा?उत्तर – यह संसार 2,35,91,46,877 वर्ष तक और चलेगा ।प्रश्न – वैदिक धर्म कितने वर्ष पुराना है ?उत्तर – वैदिक धर्म 1,96,08,53,123 वर्ष पुराना है ।प्रश्न – रामायण का काल कितना पुराना है?उत्तर …

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महान नारियां गांधारी कुंती और द्रौपदी

रंजना सिंह गान्धारी, कुन्ती, द्रौपदी तीनों ही महान, पूज्य,ऐतिहासिक स्त्रियाँ जो श्राप और वरदान दोनों ही देने की क्षमता रखती थीं, महान कैसे बनीं और जीवन में विफल कहाँ हुईं। स्मरण करने पर ध्यान में आता है कि जिस ओर इनका तप था,उसकी सिद्धि तो इन्हें मिली,किन्तु जो पक्ष इनके ध्यान/तप से छूटे रह गए …

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काली सैंताली के वो काले पंद्रह दिन

प्रशांत पोल वाह के शरणार्थी कैंप का दृश्य आज अगस्त महीने की पांच तारीख आकाश में बादल छाये हुये थे, लेकिन फिर भी थोड़ी ठण्ड महसूस हो रही थी। जम्मू से लाहौर जाते समय रावलपिन्डी का रास्ता अच्छा था, इसीलिए गांधीजी का काफिला पिण्डी मार्ग से लाहौर की तरफ जा रहा था। रास्ते में ‘वाह’ …

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ईद

ईद मुसलमानों का सबसे बड़ा त्यौहार। हजरत मुहम्मद साहब ने एक महीने मक्का में एक गुफा के अंदर भूखे-प्यासे रहकर खुदा की तपस्या की थी। उसी की याद में सवेरे भी सूर्योदय से पहले ही कुछ खा लेते हैं। दिन निश्चित समय पर कई बार नमाज पढ़ी जाती है। 30 दिन बाद नया निकलने के …

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जीवन का मूल्य

एक आदमी ने भगवान बुद्ध से पुछा : जीवन का मूल्य क्या है? बुद्ध ने उसे एक पत्थर का टुकड़ा दिया और कहा : जा और इस पत्थर के टुकड़े का मूल्य पता करके आ , लेकिन ध्यान रखना इसे बेचना नही है। वह आदमी उस पत्थर के टुकड़े को बाजार मे एक संतरे वाले …

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यज्ञ में प्रयुक्त होने वाले पात्र

यज्ञ में प्रयुक्त होने वाले काष्ठ पात्र 1. स्रुवा इसके माध्यम से यज्ञ अथवा हवन में घी की आहुति दी जाती है। 2.प्रणीता इसमें जल भरकर रखा जाता है। इस प्रणीता पात्र के जल में घी की आहुति देने के उपरान्त बचे हुए घी को “इदं न मम..” कहकर टपकाया जाता है। बाद में इस …

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तिरंगे झंडे की विकास यात्रा

तिरंगा झंडा हमारे देश की शान और राष्ट्रीय स्वाभिमान का प्रतीक है। लेकिन बहुत ही कम लोगों को अपने इस राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के इतिहास की पूरी जानकारी है। स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आज तक इस तिरंगे के स्वरूप निर्माण में कई रोचक और क्रांतिकारी मोड़ आए। हमारे राष्ट्रीय ध्वज ‘तिरंगे’ के वर्तमान स्ववरूप को …

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श्री नानकमत्ता साहिब

गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब उत्तराखंड राज्य के उधम सिंह नगर जिले में स्थित है। नानकमत्ता साहिब सिखों का एक ऐतिहासिक पवित्र मंदिर है जहाँ हर साल हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। उत्तराखण्ड में स्थित 3 प्रमुख सिख तीर्थ स्थानों में से एक है। उत्तराखण्ड में स्थित हेमकुंड साहिब, गुरूद्वारा श्री रीठा …

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Historical Journey of Natural Aromatics and Perfume Materials

Journey of Natural Aromatics and Perfume Materials Natural aromatics and perfume materials constituted one of the earliest trade items of the ancient world, rare and highly prized. When the Jewish people began their exodus from Egypt to Israel around 1240 BC, they took with them many precious gums and oils together with knowledge of their …

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