कार्तिक स्नान की कथा

सच्ची श्रद्धा का फल एक समय की बात है किसी नगर में एक बूढ़ा व्यक्ति रहता था और उसकी सात बहुएँ थी। एक बार कार्तिक का महीना आया और उसने अपनी बहुओं से कहा कि मैं कार्तिक का स्नान करुंगा, क्या तुम इसे निभा दोगी? सात में से छ: बहुओं ने मना कर दिया लेकिन …

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94″ लिखने की परम्परा और 100 शुभ कर्मों का महत्व

काशी में मणिकर्णिका घाट पर “94” लिखने की परम्परा और 100 शुभ कर्मों का महत्व काशी में मणिकर्णिका घाट पर चिता जब शांत हो जाती है, तब मुखाग्नि देने वाला व्यक्ति चिता भस्म पर 94 लिखता है। यह सभी को नहीं मालूम है। खांटी बनारसी लोग या अगल-बगल के लोग ही इस परम्परा को जानते …

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सभ्यता एवं संस्कृति और दोनों में अंतर

लेखक डॉ त्रिभुवन सिंह  उप प्रधानाचार्य  राष्ट्रीय इंटर कालेज शेरपुर मिर्जापुर  सभ्यता और संस्कृति सभ्यता और संस्कृति ही ननुञ्यता का वास्तविक लक्षण है। मनुष्य जाति के लाखों वर्ष का इतिहास इस बात का साक्षी है कि उसने उत्पादन के साधनों और तरीकों का आविष्कार करके तथा समाज का संगठन करके अपने शारीरिक सुख और मानसिक …

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