महत्वपूर्ण तथ्य
- मंगल दोष के समाधान के लिए उज्जैन स्थित मंगलनाथ मंदिर में पूजा की जाती है।
- पितृ दोष और कालसर्प दोष के निवारण के लिए नासिक के त्र्यंबकेश्वर मंदिर में उपाय किए जाते हैं।
- जन्म कुंडली के सप्तम भाव में दोष होने पर उसके अनुसार शांति उपाय किए जाते हैं।
- लड़कों के लिए शुक्र ग्रह शांति और लड़कियों के लिए गुरु ग्रह शांति उपयुक्त मानी जाती है।
- शनिवार को पीपल वृक्ष की पूजा लाभकारी मानी जाती है।
- गुरुवार के दिन केले के पेड़ के जोड़े की पूजा की जाती है।
- लगातार 11 शुक्रवार माता पार्वती या दुर्गा मंदिर में श्रीफल और चुनरी अर्पित की जाती है।
- पूर्णिमा पर वट वृक्ष की 108 परिक्रमा शुभ फल देती है।
- गाय को घी लगी रोटी में गुड़ डालकर और हल्दी के पानी में उबले आलू खिलाए जाते हैं।
- गुरुवार और शुक्रवार को व्रत रखा जा सकता है।
- माथे पर केसर, हल्दी या चंदन का तिलक लगाने की परंपरा है।
- शुक्रवार के दिन दही से स्नान और रात को फिटकरी से कुल्ला करना बताया गया है।
विवाह का समय यदि लगातार टल रहा हो या मनचाहा रिश्ता नहीं मिल पा रहा हो, तो कई लोग पारंपरिक उपायों और श्रद्धा से जुड़े तरीकों की ओर ध्यान देते हैं। ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार, ग्रहों की स्थिति और कुंडली के कुछ भावों में बाधा आने से विवाह में विलंब देखा जाता है। नीचे बताए गए उपाय उसी पारंपरिक मान्यता के अनुसार बताए गए हैं, जिनका उद्देश्य मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन बनाए रखना है।
कुंडली संबंधित दोषों के लिए उपाय
यदि किसी की कुंडली में मंगल दोष उपस्थित हो, तो उज्जैन स्थित मंगलनाथ मंदिर में शांति उपाय करने की परंपरा है। इसी तरह, पितृ दोष या कालसर्प दोष की स्थिति में नासिक के त्र्यंबकेश्वर मंदिर जाकर विशेष पूजा की जाती है। यदि जन्म कुंडली के सप्तम भाव, जो विवाह का भाव माना जाता है, में कोई बाधा हो, तो उसके अनुसार शांति करनी चाहिए।
ग्रह शांति के सरल उपाय
पुरुषों के लिए शुक्र ग्रह की शांति और महिलाओं के लिए गुरु ग्रह की शांति लाभकारी मानी जाती है। यह माना जाता है कि ग्रहों की सकारात्मक स्थिति वैवाहिक जीवन की संभावनाओं को मजबूत करती है।
साप्ताहिक पूजा और व्रत
- शनिवार के दिन पीपल वृक्ष की श्रद्धा पूर्वक पूजा करने की परंपरा है।
- गुरुवार को केले के वृक्ष की जोड़ी की पूजा की जाती है।
- लगातार 11 शुक्रवार माता पार्वती या माता दुर्गा के मंदिर में श्रीफल और चुनरी अर्पित करने की मान्यता है।
- गुरुवार और शुक्रवार के दिन व्रत रखने से मन और आत्मविश्वास में दृढ़ता बढ़ती है।
प्रकृति और दान आधारित उपाय
पूर्णिमा के दिन वट वृक्ष की 108 परिक्रमा करना एक प्रचलित श्रद्धात्मक उपाय है। साथ ही गाय को घी लगी रोटी में गुड़ रखकर खिलाना और हल्दी मिले पानी में उबले हुए आलू ठंडे होने पर खिलाना शुभ माना जाता है।
शरीर और मन की पवित्रता के लिए साधारण उपाय
- माथे पर केसर, हल्दी या चंदन का तिलक लगाना सौम्यता और सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है।
- शुक्रवार को दही स्नान और सोने से पहले फिटकरी से कुल्ला करना शुद्धि का प्रतीक माना जाता है।
ये सभी उपाय पारंपरिक आस्था और सांस्कृतिक मान्यताओं पर आधारित हैं। किसी भी उपाय को करने से पहले अपनी आस्था और सुविधा को ध्यान में रखना आवश्यक है।