महत्वपूर्ण तथ्य
- हनुमानजी की पूजा मंगलवार, त्रयोदशी और चतुर्दशी तिथि सहित विशेष दिनों में की जाती है।
- हनुमान चालीसा प्रतिदिन एक ही स्थान पर बैठकर पढ़ना शुभ माना गया है।
- हनुमानजी के समक्ष प्रतिदिन तीन कोनों वाला दीपक चमेली के तेल से जलाने की परंपरा है।
- चौला चढ़ाने में जनेऊ, लंगोट, सिंदूर, ध्वज, तुलसी माला, चमेली का तेल और लाल फूल शामिल होते हैं।
- ॐ श्री हनुमते नमः का प्रतिदिन 108 बार जाप करना लाभकारी कहा गया है।
- माह में एक बार सुंदरकांड और बजरंगबाण का पाठ किया जाता है।
- मंगलवार और शनिवार को गुड़ और चने का भोग मंगल दोष शांति हेतु चढ़ाया जाता है।
- हनुमानजी की पूजा के साथ श्रीराम, लक्ष्मण और माता सीता की पूजा भी की जाती है।
परिचय
हिन्दू धर्म में हनुमानजी को जाग्रत और सर्वशक्तिमान देवताओं में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। उनकी कृपा जिस पर होती है, उसे जीवन की कठिन परिस्थितियों से उबरने की शक्ति मिलती है। प्रत्येक युग और दिशा में उनका प्रभाव वर्णित है। उनकी भक्ति साहस, धैर्य, निष्ठा और निर्भयता प्रदान करती है।
हनुमानजी को प्रसन्न करने के प्रमुख उपाय
1. नियमित हनुमान चालीसा पाठ
हनुमान चालीसा को प्रतिदिन एक ही स्थान पर बैठकर शांत मन से पढ़ना लाभकारी माना जाता है। यह मानसिक स्थिरता प्रदान करता है और भक्ति की दृढ़ता बढ़ाता है।
2. तीन कोनों वाला दीपक
प्रतिदिन हनुमानजी के सामने चमेली के तेल से युक्त तीन कोनों वाला दीपक जलाना शुभ फल देता है। यह साधना मन को एकाग्र करने में सहायक है।
3. चौला चढ़ाना
इच्छा और श्रद्धा के अनुसार हनुमानजी को चौला चढ़ाया जा सकता है। इसमें जनेऊ, सिंदूर, तुलसी माला, ध्वज, चमेली तेल और लाल पुष्प आदि शामिल होते हैं।
4. मंत्र जाप
प्रतिदिन ॐ श्री हनुमते नमः मंत्र का 108 बार जाप करने से मन में शक्ति और आत्मविश्वास बढ़ता है। जो साधक चाहें, वे किसी निर्धारित सबर मंत्र की भी साधना कर सकते हैं।
5. श्रीराम नाम स्मरण
हनुमानजी को भगवान श्रीराम का परम भक्त माना गया है। इसलिए श्रीराम नाम का जप करना हनुमानजी की विशेष कृपा प्राप्त कराता है।
6. सुंदरकांड और बजरंगबाण पाठ
माह में कम से कम एक बार सुंदरकांड और बजरंगबाण का पाठ करना कठिनाइयों को कम करने में सहायक माना गया है।
7. भोग अर्पित करना
मंगलवार, शनिवार या हनुमान जयंती जैसे अवसरों पर पंचमेवा, केसरिया बूंदी लड्डू, इमरती, बेसन लड्डू, चूरमा रोट, मालपुआ या मलाई मिश्री के लड्डू का प्रसाद चढ़ाना शुभ होता है।
8. व्रत और अनुशासन
हनुमानजी की गहन भक्ति के लिए ब्रह्मचर्य, सात्त्विक आहार और संयम का पालन आवश्यक माना जाता है। साथ ही, प्रभु श्रीराम, माता जानकी और लक्ष्मण की भी ससम्मान पूजा करनी चाहिए।
9. पान का बीड़ा अर्पित करना
यदि जीवन में कोई बड़ी चुनौती हो, तो मंगलवार को मंदिर में पूजा करके हनुमानजी को बनारसी पान का बीड़ा अर्पित कर मनोकामना कही जाती है।
10. गुड़ और चने का भोग
मंगल और शनिवार के दिन गुड़ और चने का प्रसाद चढ़ाना मंगल दोष शांति हेतु माना गया है। यह सरल और प्रभावी उपाय है।
उपसंहार
भक्ति, श्रद्धा और अनुशासन के साथ हनुमानजी की पूजा करने से मनुष्य जीवन के कठिन मार्गों को धैर्य और शक्ति के साथ पार कर सकता है। उनका नाम ही साहस का प्रतीक है।