Skip to content

मूंगफली की खेती

इसका मूल उत्पति स्थान अमेरिका माना जाता है। भारत में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडू में इसकी खेती बहुतायत रूप से होती है। अब राजस्थान में भी इसकी खेती बहुत होने लग गई है।

  1. मिट्टी – इसके लिए रेतीली जमीन जो भुरभुरी हो खेती के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है।
  2. खाद- इसके लिए गोबर की खाद व कम्पोस्ट खाद उपयुक्त है। गोबर की खाद 40 से 50 गाड़ी प्रति हैक्टर, कम्पोस्ट खाद 10-12 गाड़ी प्रति हैक्टर के हिसाब से काफी है।
  3. सिंचाई – कम फैलने वाली जाति के लिए 5-6 सिंचाई व अधिक फैलने वाली के लिए 8-10 सिंचाई की जाती है। प्रत्येक सिंचाई में 15 दिन का अन्तर होना चाहिए। अधिक सिंचाई करने पर जमीन पोली रहती है, जिससे उत्पादन में वृद्धि होती है।
  4. बुवाई का समय – बुवाई का समय मई व जून होता है। मई में बोई जाने वाली मूंगफली, सितम्बर में वर्षा हो तो, खराब हो जाती है। जून में बोई जाने वाली मूंगफली खराब होने का भय नहीं रहता है।
  5. बीज की मात्रा – मूंगफली का बीज जिसमें दाने मोटे होते हैं। वह बीज अधिक बोया जाता है। बीज की मात्रा 70 से 80 किलो प्रति हैक्टर के हिसाब से होती है। छोटे बीज की मात्रा 120 से 130 किलो प्रति हैक्टर है।
  6. निराई-गुड़ाई – इसमें निराई गुड़ाई की आवश्यकता अधिक होती है। पहली निराई गुड़ाई बोने के 15 दिन बाद व दूसरी 45 दिन बाद की जाती है। अधिक खरपतवार होने पर इसके पौधे दब जाते हैं व पैदावार पर विपरित असर पड़ता है। जमीन गुड़ाई से जड़ जमीन में ज्यादा फैलती है जिससे उत्पादन बढ़ता है।
  7.  कटाई – मूंगफली को प्राय: फावड़े से खोदा जाता है। खोद कर पौधे को इकट्ठा कर लिया जाता है तथा उनके नीचे मूंगफली चुन ली जाती है। मशीनीकरण से टैक्ट्ररों की पत्ती से भी खुदाई होती है। इससे मूंगफली कटने का खतरा अधिक रहता है। बाद में टूटी हुई मूंगफली अलग से उठाई जाती है।
  8. शेष अवशेष- इसके शेष अवशेष चारे व खाद के काम आते हैं। बकरी, भेड़, ऊंट आदि के चारे के काम आती है।
  9. उत्पादन 30 से 40 क्विंटल प्रति हैक्टर व असिंचित में 20 से 25 क्विंटल प्रति हैक्टर के हिसाब से उत्पादन होता है।
  10. निर्यात – इसके दाने से तेल निकाला जाता है, जो खाद्य तेल में प्रमुख है। तेल की मात्रा 50 प्रतिशत तक होती है। शेष भाग खल के रूप में पशु आहार के काम आता है। हमारे देश में खाद्य तेल की पूर्ति होने पर निर्यात किया जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *