सनातन ज्ञान केंद्र ब्लॉग का उद्देश्य सनातन संस्कृति में फैले ज्ञान का संकलन करना और उसे सहज और समझ में आ सकने वाली भाषा में आने वाली पीढ़ियों के समक्ष प्रस्तुत करना है। ताकि सनातन संस्कृति की नदी सैदेव प्रवाहित रहे। भारत भूमि एक विशाल भूखंड है जिसपर विभिन धर्मों मतो मान्यताओं के लोग निवास करते हैं। हम सभी सांस्कृतिक रूप से आपस में जुड़े हुए हैं। मैंने कई वर्षों तक भारत के विभिन्न विश्वविधालयों में विज्ञान और कानून की पढ़ाई की है मुझे वहां अपने देश की संस्कृति के बारे में कभी भी नहीं बताया पढाया गया है। विश्वविधालय से बाहर आने के बाद मुझे फील्ड वर्क्स के दौरान अपने देश के लोगों से मिलने जुलने और उनके रहन सहन को देखने का अवसर मिला और मुझे यह एहसास हुआ कि हमारी सनातन संस्कृति पूरी तरह से वैज्ञानिक और सभी को साथ लेकर चलने वाली है। पच्चीस वर्षों के फील्ड वर्क के बाद मैं हिम्मत कर पाया हूँ कि मैं इस वेबपोर्टल की रचना सनातन संस्कृति से जुडी बातों और ज्ञान के संकलन हेतु कर रहा हूँ। मेरे बस का कुछ है नहीं लेकिन मैं आपके सहयोग पर बहुत भरोसा करता हूँ। अभी तक मुझे यह नहीं पता है कि मैं क्या क्या काम करूंगा और कैसे करूंगा। लेकिन वो शोले में अभिताभ बच्चन का डायलोग है ना कि बस अब कह दिया है तो देख लेंगे पार्टनर। वैसे मैं ये डायलोग आलमोस्ट भूल ही गया था लेकिन मेरे सीनियर साथी चौधरी कटार सिंह वर्मा जी अक्सर इसका प्रयोग करते हैं और अब मैंने भी इसे अभ्यास करके पका लिया है। अब आप इस पेज तक आ ही गए हैं तो मेरा नम्बर 70157474342 अपने मोबाइल नम्बर में सेव कर लें। फिर मुझे एक व्हाट्सएप्प पर सन्देश भेज दें जिसमें आपका नाम शहर और व्यवसाय मेंशन हो ताकि मैं आपसे सम्पर्क कर सकूँ और हम मिलकर सनातन संस्कृति के विभिन्न अंगों घटकों की खोज करके उनका संकलन कर सकें।