भारत पकिस्तान सीमा पर बने करतारपुर लांघे पर अभी पिछले दिनों 74 सालों से बिछड़े दो भाईयों का मेल हुआ है उनकी सच्ची कहानी क्या है ?
आजकल सोशल मीडिया में झूठ चल रहा है जिसमें दो भाईयों की कहानी सुनाई जा रही है जिसमें दो सिख बालक 74 वर्ष पहले 1947 में बिछड़ गए थे जब वो कुछ दिन पहले मिले तो इंडिया वाला बालक सिख ही था जबकि पाकिस्तान वाला अब्दुल बन कर मिला।
असली और सच्ची कहानी इस प्रकार है:
सन 1947 में आज से लगभग 74 साल पहले दो बिछुड़े हुए दो भाई पाकिस्तान के सादिक खां और भारत के सिक्का खां हैं। जिनका मिलन पिछले दिनों दो वर्षों के कठिन प्रयासों के बाद यूट्यूब पर चलने वाली पंजाबी लहर वीडियो चैनल के जरिये हुआ है।
भारत-पाक सीमा पर बने करतारपुर साहब कारीडोर में इन दोनों भाइयों की मुलाकात हुई। इनमें से सिक्का खां भारत के ‘भटिंडा जिले के गांव फूलेवाल में रहते हैं जबकि सादिक खां अपने देश पाकिस्तान के फैसलाबाद ( लायलपुर) जिले के गांव बोगरगांव में रहते हैं।
जब 1947 में दोनों बिछुड़े थे तो सिक्का खां की उम्र मुश्किल से दो साल थी और सादिक खां की आठ साल के करीब सिक्का खां अपनी मां के साथ भारत में ही बिछुड़ गये थे और उनके पिता जैसे-तैसे अपने बड़े बेटे सादिक खां को लेकर पाकिस्तान की सीमा में चले गये थे।
सिक्का खां की मां ने बाद में अपने बड़े बेटे के गम में आत्महत्या कर ली। मगर सिक्का खां को भारतीय गांव में रहने वाले सिखों व हिन्दुओं ने पूरी हिफाजत दी जहां वह खेतीहर मजदूरी वगैरा करके अपना गुजारा चलाते हैं।
मगर पाकिस्तान में बैठे उनके बड़े भाई सादिक खां को भरोसा था कि एक न एक दिन उनकी मुलाकात अपने छोटे भाई से जरूर होगी जिसके लिए वह प्रयास भी करते रहते थे मगर पंजाबी लहर’ यूट्यूब कार्यक्रम चलाने वाले जब दो साल पहले एक दिन उनके गांव पहुंचे तो उनकी व्यथा सोशल मीडिया पर सार्वजनिक हो गई।
जिसके जवाब में भारत के फूलेवाल गांव के एक नागरिक ने पंजाबी लहर से सम्पर्क करके सिक्का खां के बारे में बताया और तब दोनों तरफ की सरकारों की औपचारिकताएं पूरी करने के बाद दोनों भाइयों का मिलन करतारपुर साहब में कराने की व्यवस्था की गई।
अब उम्र के इस पड़ाव में सिक्का खां चाहते हैं कि वह अपने बड़े भाई के साथ रहें और बीच-बीच में भारत के अपने गांव आते-जाते रहें।
इसके लिए वह पाकिस्तान की सरकार से वीजा देने की गुहार लगा रहे हैं। सादिक खां का अपना भरा-पूरा परिवार है और सिक्का खां की परिवार के साथ इस उम्र में रहने की चाहत समझी जा सकती है।
#नकली_झूठ और #नकली_नफ़रत से बचो।